Morning sickness, NVP

Morning sickness, NVP

  • गर्भावस्था में होने वाली उल्टियों की समस्या
  • मॉर्निंग सिकनेस  
  • Nausea and vomiting of pregnancy
  • Hyperemesis gravidarum
ऊपर लिखे हुए चारों हैडिंग्स में एक बात समान है.. चारों का तात्पर्य गर्भावस्था में होने  वाली उल्टियों से है.
जैसा की हम  सब जानते हैं, जब कोई महिला गर्भवती होती है तो कुछ हद तक जी घबराना , उलटी जैसा महसूस होना बिल्कुल सामान्य है और इसका वैज्ञानिक कारण है एक हार्मोन जिसे हम HCG यानि ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन जिसकी वजह  से आम  तौर  पर गर्भवती महिला को उल्टी जैसा महसूस होता है जिसको मॉर्निंग सिकनेस ( morning sickness ) कहते है. ये ज़रूरी नहीं कि ये सुबह के समय ही हो हालांकि ज़्यादातर मामलों में सुबह के समय ये सबसे ज़्यादा होती है
ज़्यादातर महिलाओं में ये समस्या 6हफ्ते से आरम्भ होती है  और 12 से 16 हफ्ते के बीच में  ठीक  हो जाती है  पर कुछ  महिलाओं में ये पूरे समय रहती है और डिलीवरी के बाद ही उसको इससे निजात मिल पाती है
अब आते हैं hyperemesis gravidarum पर. ये तब  कहा जाता हैं जब
1. महिला  को अत्यधिक उल्टियाँ हो रही  हों…4/5 बार 1 दिन में
2. तेज़ी से वज़न का कम  होना
3. अत्यधिक कमज़ोरी, चक्कर आना
4. शरीर में  पानी की कमी  होना, बेहोश होना
इस स्थिति में अस्पताल में भर्ती  कर के इलाज करना पड़ता है . कुछ मरीज़ों को नस  द्वारा ग्लूकोस और इंजेक्शन देने की ज़रूरत पड़ती है
वैसे  तो ये समस्या किसी भी  गर्भवती महिला को हों सकती है पर इन परिस्थितियों में ज़्यादा होती है  और इनमें hyperemesis की संभावना ज़्यादा होती है
1. प्रथम बार गर्भवती महिला
2. अगर  पिछली गर्भावस्था में ऐसी समस्या रही हो
3. अगर गर्भ में दो या अधिक  बच्चे हों
4. महिला का वज़न ज़्यादा हो
5. मोलर प्रेगनेंसी यानि गुच्छे की बीमारी हो… ये अल्ट्रासाउंड द्वारा पता चल जाती है
आम तौर  पर NVP या morning sickness में  ये उपाय कारगर होते हैं
1. सुबह उठते ही कुछ सूखी चीज  जैसे टोस्ट इत्यादि ले लेना
2. दिन में कई बार थोड़ा थोड़ा खाना
3. एक बार उल्टी होने पर कुछ समय बाद  ही कुछ खाना
4. दिन के समय तरल पदार्थ सही मात्रा में लेना
5. अत्यधिक स्क्रीन जैसे  मोबाइल या टीवी से बचना क्योंकि कुछ लोगों को माइग्रेन की वजह से भी उल्टियां हों सकती हैं
अब आते हैं मॉर्निंग सिकनेस के इलाज पर
कुछ उपाय हमने  ऊपर बताये हैं. अदरक का रस  अगर थोड़ी मात्रा में लिया जाए तो बहुत फायदा करता  है. इसके अलावा नीबू भी लाभकारी हो सकता है
कुछ दवाएं मॉर्निंग सिकनेस और hyperemesis gravidarum में काम  आती  हैं जैसे ondensetron, pyridoxin, metoclopramide आदि. लेकिन इनमें से किसी भी दवा  का उपयोग अपनी डॉक्टर की सलाह  के बिना कदापि ना करें.
अंत में  सभी गर्भवती महिलाओं को मेरी तरफ से बहुत शुभकामनायें और ये अनुरोध है कि गर्भावस्था जीवन  का एक अनमोल अनुभव है, अगर आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या है तो तुरन्त अपनी डॉक्टर की सलाह लेकर उचित इलाज करायें और  स्वस्थ एवं प्रसन्नचित रहें ताकि एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकें.
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